खुद को वायु सेना का अधिकारी बताने वाला फर्जी अधिकारी को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार,…IGI एयरपोर्ट पर कर रहा था एंट्री….
नई दिल्ली 15 अक्टूबर 2022 : खुद को वायुसेना का अधिकारी बताने वाले फर्जी विंग कमांडर को दिल्ली पुलिस ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के दफ्तर से दबोचा है। पुलिस का दावा है कि उसके पास वर्ष 2016 में बना एयरपोर्ट एंट्री पास मिला। इसके सहारे वह जब चाहे आईजीआई में दाखिल हो सकता था। मिलिट्री इंटेलीजेंस, खुफिया विभाग और एयरफोर्स सहित कई जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।
फिरोज ने एयरफोर्स विंग कमांडर बनकर बीते 11 अक्तूबर को अपना एयरपोर्ट एंट्री पास नवीनीकरण करने के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन को दिया। अधिकारियों को उस पर शक हो गया क्योंकि वर्ष 2019 से पास ऑनलाइन बायोमीट्रिक सिस्टम से नवीनीकृत होते हैं। इसके लिए आवेदन सीधे एयरफोर्स से आते हैं और बायोमीट्रिक जांच के बाद पास नवीनीकृत हो जाते हैं। उसके पास 2016 में बना हुआ एयरपोर्ट एंट्री पास भी था जो उसने फर्जी दस्तावेजों पर लिया था।
पुलिस के अनुसार, “पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी निवासी फिरोज गांधी को IGI में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के कार्यालय से पकड़ा गया था। उसके पास से 2016 में जारी एक एंट्री पासपोर्ट बरामद किया गया था। इस पासपोर्ट की मदद से उसे आईजीआई में आसानी से प्रवेश मिल रहा था।”
वायुसेना के अधिकारियों की एक टीम ने आरोपी के घर जाकर वायुसेना के संबंध में कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। पुलिस सूत्रों ने कहा कि वे मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि एंट्री पासपोर्ट होना एक बड़ी सुरक्षा का उल्लंघन है, हो सकता है कि आरोपी ने ऐसी जानकारी हासिल की हो, जिसे गुप्त रखा जाना था।
उसे एक कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद पुलिस ने उसकी 2 हफ्ते की कस्टडी रिमांड की मांग की। कोर्ट ने पांच दिन की हिरासत की अनुमति दी। अधिकारी ने कहा, “हमने उसकी गिरफ्तारी के बारे में खुफिया एजेंसियों को सूचित कर दिया था। वह भी पूछताछ कर रहे हैं।”
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों ने बताया कि फिरोज से एयरफोर्स के कई संवेदनशील दस्तावेज मिले हैं। वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। वहीं पुलिस ने उसके घर से एयरफोर्स अफसरों की 28 मुहर, एयरफोर्स से संबंधित कई कार्ड और विंग कमांडर की दो वर्दी सहित अन्य सामान बरामद किया है।
पुलिस ने जब 40 वर्षीय आरोपी फिरोज गांधी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की। पहले उसने पुलिस को विंग कमांडर बनकर बरगलाने का प्रयास किया। उन्हें दबाव में लेने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती बरती तो वह टूट गया। उसने फर्जीवाड़े की बात कबूल कर ली।